चत्वारि धामानि
पाठ का हिन्दी अनुवाद
शिक्षिका – भारति ! भवती जानाति किं कः अयं महापुरुषः?
हिन्दी अनुवाद ― हे भारती ! क्या तुम जानती हो कि यह महानुभाव कौन हैं ?
भारती – आर्ये! अयं खलु जगद्गुरुः शङ्कराचार्यः।
हिन्दी अनुवाद ― आचार्या! यह जगद्गुरु शंकराचार्य हैं।
महेशः – आम्! अहमपि जानामि एते किल तस्य चत्वारः शिष्याः।
हिन्दी अनुवाद ― हाँ, मैं भी इन्हें जानता हूँ कि उनके चार शिष्य थे।
देवेशः – शङ्कराचार्यस्य प्रथमशिष्यस्य नाम सुरेश्वराचार्यः इति।
हिन्दी अनुवाद ― शंकराचार्य के पहले शिष्य का नाम सुरेश्वराचार्य था।
शिक्षिका – देवेश! अन्येषां त्रयाणां शिष्याणां नामानि कानि?
हिन्दी अनुवाद ― देवेश ! अन्य तीन शिष्यों के क्या-क्या नाम हैं?
देवेशः – अहं न जानामि।
हिन्दी अनुवाद ― मैं नहीं जानता हूँ।
शारदा – द्वितीयः शिष्यः हस्तामलकः तृतीयः शिष्यः त्रोटकाचार्यः चतुर्थः शिष्यः पद्मपादः।
हिन्दी अनुवाद ― दूसरे शिष्य हस्तामलक, तीसरे शिष्य त्रोटकाचार्य (और) चौथे शिष्य पद्मपाद थे।
शिक्षिका – साधु, अपि जानन्ति शङ्करमठानि?
हिन्दी अनुवाद ― ठीक है, क्या शंकर के मठों को भी जानते हो?
सर्वे – न जानीमः।
हिन्दी अनुवाद ― नहीं जानते हैं।
शिक्षिका – शङ्कराचार्येण चतुर्षु स्थानेषु चतसृषु दिक्षु चत्वारि मठानि स्थापितानि । तानि चत्वारि पवित्रधामानि इति प्रसिद्धानि ।
हिन्दी अनुवाद ― शंकराचार्य के द्वारा चार स्थानों पर चारों दिशाओं में चार मठों की स्थापना की गई थी। वे चारों पवित्र धाम हैं, इस रूप में प्रसिद्ध हैं।
महेशः – आर्ये! उत्तरदिशि बदरीनाथ, दक्षिणदिशि रामेश्वरम्, पश्चिमदिशि द्वारका, पूर्वदिशि जगन्नाथपुरी इति किल चत्वारि धामानि।
हिन्दी अनुवाद ― आचार्या ! उत्तर दिशा में बदरीनाथ, दक्षिण दिशा में रामेश्वर, पश्चिम दिशा में द्वारका (तथा) पूर्व दिशा में जगन्नाथपुरी - इस प्रकार ये चार धाम हैं।
शिक्षिका – सत्यम्। किन्तु धर्मप्रचाराय शङ्कराचार्येण स्थापितानि मठानि अपि चत्वारि धामानि इति प्रसिद्धानि । तानि चतसृषु दिक्षु सन्ति।
हिन्दी अनुवाद ― ठीक ! किन्तु धर्म के प्रचार के लिए शंकराचार्य के द्वारा स्थापित किये गये मठ ही चार धाम हैं; ऐसा प्रसिद्ध है। वे चारों दिशाओं में हैं।
भारती – तानि धामानि कानि?
हिन्दी अनुवाद ― वे धाम कौन-कौन से हैं ?
शिक्षिका – शृङ्गेरिमठम्, गोवर्धनमठम्, शारदामठम्, ज्योतिर्मठम्।
हिन्दी अनुवाद ― शृङ्गेरिमठ, गोवर्धनमठ, शारदामठ (तथा) ज्योतिर्मठ।
देवेशः – कस्यां कस्यां दिशि सन्ति?
हिन्दी अनुवाद ― (ये) किस-किस दिशा में हैं ?
शिक्षिका – पश्यन्तु इदं कोष्ठकं, स्पष्टं भवति―
हिन्दी अनुवाद ― इस कोष्ठक को देखो (इससे) स्पष्ट होता है―
दक्षिणदिशि ― पूर्वदिशि ― पश्चिमदिशि ― उत्तरदिशि
शृङ्गेरिमठम् —― गोवर्धनमठम् —― शारदामठम् ―— ज्योतिर्मठम्
शृङ्गेरी ——— जगन्नाथपुरी ——― द्वारका ―—— बदरीनाथः
कर्णाटकराज्ये – उडीसा राज्ये – गुजरातराज्ये– उत्तराखण्डराज्ये
हिन्दी अनुवाद ―
दक्षिण दिशा ― पूर्व दिशा ― पश्चिम दिशा ― उत्तर दिशा
शृङ्गेरि मठ —― गोवर्धन मठ ―— शारदा मठ ―— ज्योतिर्मठ
शृङ्गेरी ——— जगन्नाथपुरी ―— द्वारका ―—— बदरीनाथ
कर्नाटक राज्य – उडीसा राज्य – गुजरातराज्य– उत्तराखण्डराज्य
शिक्षिका – धर्म एव भारतस्य एकतायाः मूलाधारः। 'धर्मो रक्षति रक्षितः' अतः धर्मरक्षणेन एव भारतं संरक्षितं भवति। धर्मरक्षणार्थं वेदान्ततत्त्वानां प्रचारार्थम् एतानि मठानि स्थापितानि । मठानां स्थापकं जगद्गुरुम् आदिशङ्करं स्मरामः।
हिन्दी अनुवाद ― शिक्षिका-धर्म ही भारत की एकता का मूल आधार है। (धर्म की रक्षा करने वाले की धर्म रक्षा करता है।' इसलिए धर्म की रक्षा करने से ही भारत भली प्रकार से रक्षित होता है। धर्म की रक्षा के लिए और वेदान्त के तत्वों के प्रचार के लिए इन मठों की स्थापना की गई है। मठों की स्थापना करने वाले जगद्गुरु आदिशङ्कर का (हम) स्मरण करते हैं।
श्रुतिस्मृतिपुराणानाम् आलयं करुणालयम्।
नमामि भगवत्पादं शङ्करं लोकशङ्करम् ।।
हिन्दी अनुवाद ― वेद, स्मृति और पुराणों के स्थान करुणानिधान और संसार का कल्याण करने वाले भगवान शंकर के चरणों की मैं वन्दना करता हूँ।
अभ्यासः
प्रश्न 1. एकपदेन उत्तरं लिखत―
(एक शब्द में उत्तर लिखो।)
(क) शारदामठं कस्यां दिशि अस्ति?
(शारदामठ किस दिशा में है?)
उत्तरम्― पश्चिम दिशि।
(ख) शङ्कराचार्यस्य प्रथमशिष्यस्य नाम किम्?
(शंकराचार्य के पहले शिष्य का नाम क्या है?)
उत्तरम्― सुरेश्वराचार्यः।
(ग) ज्योतिर्मठं कुत्र अस्ति?
(ज्योतिर्मठ कहाँ पर है?)
उत्तरम्― उत्तराञ्चलराज्ये।
(घ) द्वारका कस्मिन् राज्ये अस्ति?
(द्वारका किस राज्य में है?)
उत्तरम्― गुजरातराज्ये।
(ङ) जगद्गुरु कः आसीत्?
(जगद्गुरु कौन थे?)
उत्तरम्― शङ्कराचार्यः।
प्रश्न 2. एकवाक्येन उत्तरं लिखत―
(एक वाक्य में उत्तर लिखो।)
(क) शङ्कराचार्येण स्थापितानां मठानां नामानि कानि? (शंकराचार्य के द्वारा स्थापित मठों के नाम क्या हैं?)
उत्तरम्― शङ्कराचार्येण स्थापितानां मठानां नामानि सन्ति―( 1) शृङ्गेरिमठम्, (2) गोवर्धनमठम्, (3) शारदामठम्, (4) ज्योतिर्मठम्।
(शंकराचार्य द्वारा स्थापित मठों के नाम हैं।)
(1) शृङ्गेरिमठ, (2) गोवर्धनमठ, (3) शारदामठ, (4) ज्योतिर्मठ।)
(ख) कः कस्य एकतायाः मूलाधारः?
(किसकी एकता का मूल आधार क्या है?)
उत्तरम् ― धर्मः भारतस्य एकतायाः मूलाधारः।
(धर्म भारत की एकता का मूल आधार है।)
(ग) मठानि किमर्थं स्थापितानि?
(मठों की स्थापना किसलिए की गई?)
उत्तरम्― धर्मरक्षार्थं वेदान्ततत्वानां प्रचारार्थम् च मठानि स्थापितानि।
(धर्म की रक्षा के लिए और वेदान्त तत्वों के प्रचार के लिए मठों की स्थापना की गई।)
(घ) शङ्कराचार्यस्य चत्वारः शिष्याः के?
(शंकराचार्य के चार शिष्य कौन थे?)
उत्तरम्― शङ्कराचार्यस्य प्रथम शिष्यः सुरेश्वराचार्यः, द्वितीयः शिष्य हस्तामलकः, तृतीय शिष्यः त्रोटकाचार्यः, चतुर्थः शिष्यः पद्मपाद इति।
(शंकराचार्य के प्रथम शिष्य सुरेश्वराचार्य, द्वितीय शिष्य हस्तामलक, तीसरे शिष्य त्रोटकाचार्य और चौथे शिष्य पद्मपाद थे।)
(ङ) भारतं कथं संरक्षितं भवति?
(भारत किस तरह सुरक्षित है?)
उत्तरम्― धर्मरक्षणेन एव भारतम् संरक्षितं भवति।
(धर्म की रक्षा करने से ही भारत सुरक्षित है।)
प्रश्न 3. उचितं मेलयत―
(उचित शब्दों को मिलाओ।)
........ (अ) ..............… (ब)
(क) दक्षिणदिशि ― शङ्कराचार्यः
(ख) पश्चिमदिशि ― गोवर्धनमठम्
(ग) बदरीनाथे ― शृङ्गेरिमठम्
(घ) उडीसा राज्ये ― ज्योतिर्मठम्
(ङ) जगद्गुरुः ― शारदामठम्
उत्तरम्―
(क) दक्षिणदिशि ― शृङ्गेरिमठम्
(ख) पश्चिमदिशि ― शारदामठम्
(ग) बदरीनाथे ― ज्योतिर्मठम्
(घ) उडीसा राज्ये ― गोवर्धनमठम्
(ङ) जगद्गुरुः ― शङ्कराचार्यः
प्रश्न 4. कोष्ठकपदानि उपयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत-
(कोष्ठक के शब्दों का प्रयोग करके रिक्त स्थानों को भरो।)
(गोवर्धनमठम्, भगवत्पादं, धर्मो, मूलाधारः, पद्मपादः)
(क) नमामि भगवत्पादं शङ्करं लोकशङ्करम्।
(ख) पूर्वदिशि गोवर्धनमठम् अस्ति।
(ग) धर्मो रक्षति रक्षितः।
(घ) शङ्कराचार्यस्य चतुर्थः शिष्यः पद्मपादः।
(ङ) धर्म एव भारतस्य एकतायाः मूलाधारः अस्ति।
प्रश्न 5. विलोमपदानि लिखत―
(विलोम शब्द लिखिए।)
(क) धर्म: ― अधर्मः
(ख) प्रसिद्धानि ― अप्रसिद्धानि
(ग) स्मरणम् ― विस्मरणम्
(घ) गुरुः ― शिष्यः
(ङ) ज्ञानम् ― अज्ञानम्
प्रश्न 6. प्रथमा - बहुवचन-रूपाणि लिखत―
(प्रथमा - बहुवचन के रूप लिखो।)
(क) अहम् ― वयम्
(ख) नाम ― नामानि
(ग) शिष्यः ― शिष्याः
(घ) धाम ― धामानि
(ङ) मठम् ― मठानि
आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
Thank you.
R. F. Tembhre
(Teacher)
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